
हेलो दोस्तो आज इस पोस्ट में हम कुछ बीते हुए जनरल इनफार्मेशन को याद करेंगे।
(1)नाकामी के बाद पीएसएलवी को और सक्षम बनाने में जुटा इसरो
• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सेटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने वाले पीएसएलवी को और सक्षम बनाने में जुटा है। 31 अगस्त को पीएसएलवी-एक्सएल के विफल होने के बाद इसकी क्षमताओं पर सवाल उठने लगे हैं।
• रॉकेट की हीट शील्ड अलग नहीं होने के कारण नेविगेशन सेटेलाइट आइआरएनएसएस-1 एच को योजना के मुताबिक अंतरिक्ष में स्थापित नहीं किया जा सका था। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के. शिवन ने बताया कि इस विफलता का दिसंबर में होने वाले प्रक्षेपण पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
• आइआरएनएसएस-1 ए में तकनीकी खामी के बाद उसके स्थान पर आइआरएनएसएस-1एच का प्रक्षेपण किया जा रहा था। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का हिस्सा है।
• शिवन ने कहा, ‘पिछले मिशन के असफल होने से दिसंबर में होने वाले प्रक्षेपण को लेकर इसरो चिंतित नहीं है। पीएसएलवी-एक्सएल के विफल होने की वजहों का पता लगाया जा रहा है। इस बीच, अगले रॉकेट को और सक्षम बनाया गया है।’ इसरो दिसंबर में पीएसएलवी के माध्यम से काटरेसेट के अलावा 30 अन्य छोटे सेटेलाइट प्रक्षेपित करने वाला है।
• शिवन ने बताया कि पीएसएलवी-एक्सएल के योजना के मुताबिक काम न करने पर वैज्ञानिक खुद हैरान हैं कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ? मालूम हो कि रॉकेट की हीट शील्ड नहीं खुलने के कारण सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित नहीं किया जा सका।
• उन्होंने स्पष्ट किया कि अगस्त की विफलता डिजाइन की वजह से नहीं हुई है।1इसरो ने अमेरिका के जीपीएस की तर्ज पर आइआरएनएसएस प्रणाली विकसित की है। इससे जमीन के अलावा समुद्री इलाकों पर नजर रखना भी संभव हुआ है।
• नेविगेशन के लिए भारत को विदेशी मदद लेने की जरूरत नहीं रही। पीएसएलवी-एक्सएल के विफल होने पर दिसंबर के प्रक्षेपण मिशन पर सवाल उठने लगे थे। शिवन ने इसे दूर करते हुए घटना को मामूली बताया है।
• रॉकेट की हीट शील्ड अलग नहीं होने के कारण नेविगेशन सेटेलाइट आइआरएनएसएस-1 एच को योजना के मुताबिक अंतरिक्ष में स्थापित नहीं किया जा सका था। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के. शिवन ने बताया कि इस विफलता का दिसंबर में होने वाले प्रक्षेपण पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
• आइआरएनएसएस-1 ए में तकनीकी खामी के बाद उसके स्थान पर आइआरएनएसएस-1एच का प्रक्षेपण किया जा रहा था। यह इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का हिस्सा है।
• शिवन ने कहा, ‘पिछले मिशन के असफल होने से दिसंबर में होने वाले प्रक्षेपण को लेकर इसरो चिंतित नहीं है। पीएसएलवी-एक्सएल के विफल होने की वजहों का पता लगाया जा रहा है। इस बीच, अगले रॉकेट को और सक्षम बनाया गया है।’ इसरो दिसंबर में पीएसएलवी के माध्यम से काटरेसेट के अलावा 30 अन्य छोटे सेटेलाइट प्रक्षेपित करने वाला है।
• शिवन ने बताया कि पीएसएलवी-एक्सएल के योजना के मुताबिक काम न करने पर वैज्ञानिक खुद हैरान हैं कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ? मालूम हो कि रॉकेट की हीट शील्ड नहीं खुलने के कारण सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित नहीं किया जा सका।
• उन्होंने स्पष्ट किया कि अगस्त की विफलता डिजाइन की वजह से नहीं हुई है।1इसरो ने अमेरिका के जीपीएस की तर्ज पर आइआरएनएसएस प्रणाली विकसित की है। इससे जमीन के अलावा समुद्री इलाकों पर नजर रखना भी संभव हुआ है।
• नेविगेशन के लिए भारत को विदेशी मदद लेने की जरूरत नहीं रही। पीएसएलवी-एक्सएल के विफल होने पर दिसंबर के प्रक्षेपण मिशन पर सवाल उठने लगे थे। शिवन ने इसे दूर करते हुए घटना को मामूली बताया है।
(2)मुकेश अंबानी बने एशिया में सबसे दौलतमंद
• मुकेश अंबानी के परिवार के नाम बड़ा तमगा जुड़ गया है। अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स के मुताबिक मुकेश अंबानी का परिवार एशिया का सबसे दौलतमंद बन गया है। उनके परिवार की संपत्ति में 19 अरब डॉलर (करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है।
• फिलहाल परिवार की संपत्ति 44.8 अरब डॉलर (करीब 2.92 लाख करोड़ रुपये) हो गई है। अंबानी परिवार ने सैमसंग के मालिकाना हक वाले ली परिवार को पछाड़ा है।1सैमसंग के शेयरों में उछाल से ली कुन ही के परिवार की संपत्ति में भी इस साल 11.2 अरब डॉलर (करीब 73,100 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई।
• सूची में दूसरे स्थान पर रहे कोरिया के ली परिवार की कुल संपत्ति 40.8 अरब डॉलर (करीब 2.66 लाख करोड़ रुपये) रही। एशिया के 50 अमीर परिवारों की सूची में तीसरा नंबर हांगकांग के कॉक परिवार का है, जिनकी संपत्ति करीब 40.4 अरब डॉलर (2.64 लाख करोड़ रुपये) है।
• कॉक परिवार सन हंग काई प्रोपर्टीज का मालिक है। चौथे स्थान पर थाइलैंड के केरोन पोपहैंड ग्रुप के मालिक चिआरावैनांट परिवार का है। इस परिवार की कुल संपत्ति 36.6 अरब डॉलर (करीब 2.39 लाख करोड़ रुपये) है।
• सूची में कुल 18 भारतीय परिवारों को जगह मिली है। हालांकि टॉप 10 में जगह बनाने वाला अंबानी परिवार एकमात्र भारतीय परिवार है।
• इस साल अंबानी परिवार की संपत्ति में जितनी वृद्धि हुई है, उतना उछाल सूची में स्थान पाने वाले किसी अन्य परिवार की संपत्ति में नहीं आया। इस परिवार की संपत्ति बढ़ने में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई तेजी और टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो की जबर्दस्त दखल का योगदान रहा।
• सूची में अजीम प्रेमजी (11वें), हंिदूुजा परिवार (12वें), मित्तल परिवार (14वें), सायरस मिस्त्री (16वें) और बिड़ला परिवार (19वें) पायदान पर रहे। इसके अलावा सूची में गोदरेज परिवार (20वां), बजाज परिवार (26वां), जिंदल परिवार (32वां), बर्मन परिवार (35वां), आयशर मोटर्स के लाल परिवार (36वां), श्री सीमेंट के बांगड़ परिवार (37वां), मदरसन सुमी सिस्टम्स के सहगल परिवार (41वां), वाडिया परिवार (42वां), डीएलएफ के कुशल पाल सिंह का परिवार (44वां), कैडिला को नियंत्रित करने वाला पटेल परिवार (45वां), पिरामल परिवार (47वां) और मुंजाल परिवार (48वां) स्थान मिला।
• सूची में शामिल सभी 50 परिवारों की कुल संपत्ति 699 अरब डॉलर (करीब 45.61 लाख करोड़ रुपये) है। एक साल पहले के मुकाबले इनकी संपत्ति में 200 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है।
• फिलहाल परिवार की संपत्ति 44.8 अरब डॉलर (करीब 2.92 लाख करोड़ रुपये) हो गई है। अंबानी परिवार ने सैमसंग के मालिकाना हक वाले ली परिवार को पछाड़ा है।1सैमसंग के शेयरों में उछाल से ली कुन ही के परिवार की संपत्ति में भी इस साल 11.2 अरब डॉलर (करीब 73,100 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई।
• सूची में दूसरे स्थान पर रहे कोरिया के ली परिवार की कुल संपत्ति 40.8 अरब डॉलर (करीब 2.66 लाख करोड़ रुपये) रही। एशिया के 50 अमीर परिवारों की सूची में तीसरा नंबर हांगकांग के कॉक परिवार का है, जिनकी संपत्ति करीब 40.4 अरब डॉलर (2.64 लाख करोड़ रुपये) है।
• कॉक परिवार सन हंग काई प्रोपर्टीज का मालिक है। चौथे स्थान पर थाइलैंड के केरोन पोपहैंड ग्रुप के मालिक चिआरावैनांट परिवार का है। इस परिवार की कुल संपत्ति 36.6 अरब डॉलर (करीब 2.39 लाख करोड़ रुपये) है।
• सूची में कुल 18 भारतीय परिवारों को जगह मिली है। हालांकि टॉप 10 में जगह बनाने वाला अंबानी परिवार एकमात्र भारतीय परिवार है।
• इस साल अंबानी परिवार की संपत्ति में जितनी वृद्धि हुई है, उतना उछाल सूची में स्थान पाने वाले किसी अन्य परिवार की संपत्ति में नहीं आया। इस परिवार की संपत्ति बढ़ने में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई तेजी और टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो की जबर्दस्त दखल का योगदान रहा।
• सूची में अजीम प्रेमजी (11वें), हंिदूुजा परिवार (12वें), मित्तल परिवार (14वें), सायरस मिस्त्री (16वें) और बिड़ला परिवार (19वें) पायदान पर रहे। इसके अलावा सूची में गोदरेज परिवार (20वां), बजाज परिवार (26वां), जिंदल परिवार (32वां), बर्मन परिवार (35वां), आयशर मोटर्स के लाल परिवार (36वां), श्री सीमेंट के बांगड़ परिवार (37वां), मदरसन सुमी सिस्टम्स के सहगल परिवार (41वां), वाडिया परिवार (42वां), डीएलएफ के कुशल पाल सिंह का परिवार (44वां), कैडिला को नियंत्रित करने वाला पटेल परिवार (45वां), पिरामल परिवार (47वां) और मुंजाल परिवार (48वां) स्थान मिला।
• सूची में शामिल सभी 50 परिवारों की कुल संपत्ति 699 अरब डॉलर (करीब 45.61 लाख करोड़ रुपये) है। एक साल पहले के मुकाबले इनकी संपत्ति में 200 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है।
(3)भारतवंशी मिली बनर्जी बनीं ब्रिटेन की पुलिस संस्था की प्रमुख
• ब्रिटेन में भारतवंशी कारोबारी को पुलिस की संस्था कॉलेज ऑफ पुलिसिंग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कोलकाता में जन्मीं मिली बनर्जी इस पेशेवर संस्था का कामकाज देखेंगी। 171 वर्षीय बनर्जी पुलिस से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को जरूरी कौशल और जानकारी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी।
• बनर्जी ने कहा कि हम रोजमर्रा में बहादुरी, समर्पण और सहानुभूति दिखाने वाली पुलिस को सर्वश्रेष्ठ कौशल और जानकारी उपलब्ध कराने को समर्पित हैं।
• इस संबंध में हमारे पास महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह इस पेशेवर संस्था के निर्माण के लिए मदद देने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ काम करने की इच्छुक हैं।
• ब्रिटेन के गृह मंत्री अंबर रड ने कहा कि बनर्जी की नियुक्ति से साथ ही माइक कनिघंम को संस्थान का मुख्य कार्यकारी बनाए जाने से पुलिस को पेशेवर बनाने में मदद मिलेगी।
• बनर्जी ने कहा कि हम रोजमर्रा में बहादुरी, समर्पण और सहानुभूति दिखाने वाली पुलिस को सर्वश्रेष्ठ कौशल और जानकारी उपलब्ध कराने को समर्पित हैं।
• इस संबंध में हमारे पास महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह इस पेशेवर संस्था के निर्माण के लिए मदद देने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ काम करने की इच्छुक हैं।
• ब्रिटेन के गृह मंत्री अंबर रड ने कहा कि बनर्जी की नियुक्ति से साथ ही माइक कनिघंम को संस्थान का मुख्य कार्यकारी बनाए जाने से पुलिस को पेशेवर बनाने में मदद मिलेगी।

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